"हर मोहल्ले में ज्ञान की लौ: मरियम मिर्ज़ा की बालवाचनालय क्रांति"
महाराष्ट्र वाणी न्युज
छत्रपति संभाजीनगर(औरंगाबाद), 19 जून :- भारत में पुस्तकालय आंदोलन के जनक पी.एन. पणिक्कर की स्मृति में हर वर्ष 19 जून को राष्ट्रीय वाचन दिवस मनाया जाता है। इसी अवसर पर संभाजीनगर की एक छात्रा, मरियम मिर्ज़ा, पणिक्कर की विरासत को सशक्त रूप से आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने अब तक शहर के 36 मोहल्लों में बच्चों के लिए 'मोहल्ला बालवाचनालय' की शुरुआत की है।
मरियम, इकरा उर्दू गर्ल्स हाई स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा हैं। महज 13 वर्ष की आयु में उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ समाज में पठन-पाठन की अलख जगाने का संकल्प लिया। उनका उद्देश्य है – "हर वार्ड में एक बालवाचनालय स्थापित हो"।
वाचनालयों की यात्रा – एक नजर में:
2021: 25 बालवाचनालयों की शुरुआत
2022: 4 और वाचनालय जुड़े
2025 तक: 36 मोहल्ला बालवाचनालयों में 5,000 से 6,000 बच्चे लाभान्वित
इस वर्ष का राष्ट्रीय वाचन दिवस बायजीपुरा स्थित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मोहल्ला बालवाचनालय में मनाया गया। अल-हुदा उर्दू हाई स्कूल की छात्राओं ने इस अवसर पर विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें पढ़ीं और यह संकल्प लिया कि वे हर महीने चार पुस्तकें और दो कहानियाँ पढ़ेंगी।
फाउंडेशन की भागीदारी और योजनाएँ
'रीड एंड लीड फाउंडेशन' के अध्यक्ष मिर्ज़ा अब्दुल कय्युम नदवी ने बताया कि सभी 36 वाचनालयों में तीन दिनों तक विशेष वाचन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बच्चों को उपहार स्वरूप पुस्तकें भी दी जा रही हैं ताकि उनमें पढ़ने की रुचि बढ़े।
कार्यक्रम की मुख्याध्यापिका शेख नरगिस ने मरियम मिर्ज़ा के प्रयास को "औरंगाबाद की धरती से उठे ज्ञान आंदोलन" की संज्ञा दी और कहा, "यह सराहनीय है कि यह पहल एक किशोरी द्वारा की गई है।"
राष्ट्रीय वाचन दिवस पर छात्राओं का संकल्प – हर माह पढ़ेंगी चार किताबें और दो कहानियाँ
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षिकाएँ सय्यदा नसरीन कादरी और शमीम सहर ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ज्ञान की मशाल एक छात्रा के हाथ में – अब हर मोहल्ले तक उसकी रोशनी फैल रही है।